च्यांगशी में गार्डेनिया की बहार: पारंपरिक औषधीय खेती से ग्रामीण समृद्धि का संगम

10:30:51 2025-12-02
पूर्वी चीन के च्यांगशी प्रांत स्थित फ़ुचोउ शहर के लिंछ्वान जिले में इन दिनों किसानों के चेहरे पर ख़ुशी छाई हुई है, जो अनुकूल मौसम का फ़ायदा उठाते हुए पारंपरिक चीनी चिकित्सा की एक अहम सामग्री “गार्डेनिया फलों” को सुखाने में व्यस्त हैं। जिले के क़रीब 19 हज़ार एकड़ के खेतों में गार्डेनिया के पौधे पक कर तैयार हो गए हैं और अब इनकी कटाई तथा सुखाने का काम ज़ोरों पर है। ये खेत ताज़ी सुखाई जा रही इन जड़ी-बूटियों के सुनहरे रंग और ख़ुशबू से महक रहे हैं, जो दूर से ग्रामीण लाल कालीनों की तरह बिछे हुए नज़र आते हैं। उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में चीन द्वारा पारिस्थितिकी, हरित विकास और ग्रामीण पुनरोद्धार को प्राथमिकता दिए जाने के चलते, लिंछ्वान जिले ने वन-आधारित अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देकर और पारंपरिक चीनी औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती का विस्तार करके अपनी मिट्टी के कटाव को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
पूर्वी चीन के च्यांगशी प्रांत स्थित फ़ुचोउ शहर के लिंछ्वान जिले में इन दिनों किसानों के चेहरे पर ख़ुशी छाई हुई है, जो अनुकूल मौसम का फ़ायदा उठाते हुए पारंपरिक चीनी चिकित्सा की एक अहम सामग्री “गार्डेनिया फलों” को सुखाने में व्यस्त हैं। जिले के क़रीब 19 हज़ार एकड़ के खेतों में गार्डेनिया के पौधे पक कर तैयार हो गए हैं और अब इनकी कटाई तथा सुखाने का काम ज़ोरों पर है। ये खेत ताज़ी सुखाई जा रही इन जड़ी-बूटियों के सुनहरे रंग और ख़ुशबू से महक रहे हैं, जो दूर से ग्रामीण लाल कालीनों की तरह बिछे हुए नज़र आते हैं। उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में चीन द्वारा पारिस्थितिकी, हरित विकास और ग्रामीण पुनरोद्धार को प्राथमिकता दिए जाने के चलते, लिंछ्वान जिले ने वन-आधारित अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देकर और पारंपरिक चीनी औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती का विस्तार करके अपनी मिट्टी के कटाव को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
पूर्वी चीन के च्यांगशी प्रांत स्थित फ़ुचोउ शहर के लिंछ्वान जिले में इन दिनों किसानों के चेहरे पर ख़ुशी छाई हुई है, जो अनुकूल मौसम का फ़ायदा उठाते हुए पारंपरिक चीनी चिकित्सा की एक अहम सामग्री “गार्डेनिया फलों” को सुखाने में व्यस्त हैं। जिले के क़रीब 19 हज़ार एकड़ के खेतों में गार्डेनिया के पौधे पक कर तैयार हो गए हैं और अब इनकी कटाई तथा सुखाने का काम ज़ोरों पर है। ये खेत ताज़ी सुखाई जा रही इन जड़ी-बूटियों के सुनहरे रंग और ख़ुशबू से महक रहे हैं, जो दूर से ग्रामीण लाल कालीनों की तरह बिछे हुए नज़र आते हैं। उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में चीन द्वारा पारिस्थितिकी, हरित विकास और ग्रामीण पुनरोद्धार को प्राथमिकता दिए जाने के चलते, लिंछ्वान जिले ने वन-आधारित अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देकर और पारंपरिक चीनी औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती का विस्तार करके अपनी मिट्टी के कटाव को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
पूर्वी चीन के च्यांगशी प्रांत स्थित फ़ुचोउ शहर के लिंछ्वान जिले में इन दिनों किसानों के चेहरे पर ख़ुशी छाई हुई है, जो अनुकूल मौसम का फ़ायदा उठाते हुए पारंपरिक चीनी चिकित्सा की एक अहम सामग्री “गार्डेनिया फलों” को सुखाने में व्यस्त हैं। जिले के क़रीब 19 हज़ार एकड़ के खेतों में गार्डेनिया के पौधे पक कर तैयार हो गए हैं और अब इनकी कटाई तथा सुखाने का काम ज़ोरों पर है। ये खेत ताज़ी सुखाई जा रही इन जड़ी-बूटियों के सुनहरे रंग और ख़ुशबू से महक रहे हैं, जो दूर से ग्रामीण लाल कालीनों की तरह बिछे हुए नज़र आते हैं। उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में चीन द्वारा पारिस्थितिकी, हरित विकास और ग्रामीण पुनरोद्धार को प्राथमिकता दिए जाने के चलते, लिंछ्वान जिले ने वन-आधारित अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देकर और पारंपरिक चीनी औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती का विस्तार करके अपनी मिट्टी के कटाव को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
पूर्वी चीन के च्यांगशी प्रांत स्थित फ़ुचोउ शहर के लिंछ्वान जिले में इन दिनों किसानों के चेहरे पर ख़ुशी छाई हुई है, जो अनुकूल मौसम का फ़ायदा उठाते हुए पारंपरिक चीनी चिकित्सा की एक अहम सामग्री “गार्डेनिया फलों” को सुखाने में व्यस्त हैं। जिले के क़रीब 19 हज़ार एकड़ के खेतों में गार्डेनिया के पौधे पक कर तैयार हो गए हैं और अब इनकी कटाई तथा सुखाने का काम ज़ोरों पर है। ये खेत ताज़ी सुखाई जा रही इन जड़ी-बूटियों के सुनहरे रंग और ख़ुशबू से महक रहे हैं, जो दूर से ग्रामीण लाल कालीनों की तरह बिछे हुए नज़र आते हैं। उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में चीन द्वारा पारिस्थितिकी, हरित विकास और ग्रामीण पुनरोद्धार को प्राथमिकता दिए जाने के चलते, लिंछ्वान जिले ने वन-आधारित अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देकर और पारंपरिक चीनी औषधीय जड़ी-बूटियों की खेती का विस्तार करके अपनी मिट्टी के कटाव को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।