30 नवंबर 2025 को चीन कुछ खास करने जा रहा है। यहां के सीछ्वेन प्रांत के छडतू शहर में 2025 साइंटिस्ट इनोवेशन कॉन्फ्रेंस होने जा रही है।
हाल ही में, भारत सरकार द्वारा चीनी नागरिकों के लिए पर्यटन वीजा का पूर्ण रूप से फिर से शुरू किया जाना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम दोनों पड़ोसी देशों के बीच लगातार बढ़ रहे सौहार्द का एक स्पष्ट संकेतक माना जा रहा है। जुलाई में देश के भीतर सीमित वीजा सेवाओं की शुरुआत के बाद, अब इसे वैश्विक स्तर पर विस्तारित करने का निर्णय वर्तमान द्विपक्षीय माहौल में बढ़ती हुई विश्वसनीयता को दर्शाता है। इसी क्रम में, पिछले पांच वर्षों के अंतराल के बाद, अक्तूबर के अंत में कोलकाता से क्वांगचोउ के लिए उड़ान भरना दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा की पुनर्शुरुआत का प्रतीक बन गया। दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले दो पड़ोसी राष्ट्रों के बीच इतने लंबे समय तक सीधी संपर्क सेवाओं का स्थगित रहना वास्तव में आश्चर्यजनक था। इसलिए, इस उड़ान ने न केवल यात्रियों को, बल्कि आशा की एक नई लहर को भी लेकर उड़ान भरी।
स्थानीय समयानुसार 23 नवंबर को, G20 शिखर सम्मेलन पहली बार अफ्रीकी महाद्वीप पर सम्पन्न हुआ। इसने अपने पहले दिन एक संयुक्त घोषणा-पत्र अपनाकर एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया, जिससे सभी पक्षों का चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होने का पक्का इरादा दिखा। अभी, दुनिया की अर्थव्यवस्था धीमी विकास का सामना कर रही है, एकतरफ़ावाद बढ़ रहा है, और वैश्विक प्रशासन व्यवस्था में सुधार पीछे चल रहे हैं, जिससे दक्षिणी देशों के प्रतिनिधित्व और आवाज़ को बढ़ाने की तुरंत ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया है।
जिस तरह साइबर स्पेस से लेकर वास्तविक दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का हस्तक्षेप बढ़ रहा है, उससे मानव सभ्यता और जीवन में कई तरह के बदलाव दिखने लगे हैं।
वर्तमान वैश्विक जलवायु संकट के दौर में, हर देश को न केवल अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखना है, बल्कि एक वैश्विक ज़िम्मेदारी भी निभानी है। इसी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए, चीन ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में अपना नया राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) प्रस्तुत किया। एक ऐसा लक्ष्य जो पहली बार उसके संपूर्ण आर्थिक क्षेत्र और सभी ग्रीनहाउस गैसों पर लागू होता है।
इन दिनों ब्राज़ील के अमेज़न के दिल में बसे बेलेम शहर में दुनिया की नज़रें टिकी हैं। COP 30 सिर्फ एक सम्मेलन नहीं, बल्कि समय के उस मोड़ पर खड़ी पुकार है जहाँ धरती खुद सवाल कर रही है कि इंसान आखिर कब सुधरेगा। टीवी और सोशल मीडिया पर इसका नाम जितना गूँज रहा है, उतना ही कम लोग जानते हैं कि यह है क्या और क्यों दुनिया इसके इर्दगिर्द घूम रही है।
शांगहाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों की परिषद की 24वीं बैठक हाल ही में रूस की राजधानी मॉस्को में हुई, जहाँ सभी पक्षों ने थ्येनचिन शिखर सम्मेलन के नतीजों को कार्यान्वयन करने, वैश्विक प्रशासन की पहल लागू करने और वैश्विक शासन में SCO की बड़ी भूमिका को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई। चीनी प्रधानमंत्री ली छ्यांग ने SCO को और मज़बूत और बेहतर बनाने के लिए संगठन की एकजुटता, कार्रवाई और असर को बढ़ाने की अपील की।
यह अनजाना सच नहीं है कि दुनिया कार्बन उत्सर्जन से उत्पन्न प्रदूषण का सामना कर रही है। प्रदूषण को कम करने, मौजूदा सभ्यता को स्वच्छ वातावरण और स्वच्छ हवा-पानी एवं भोजन उपलब्ध कराने को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं।
2025 में चीन के सबसे बड़े ऑनलाइन शॉपिंग फेस्टिवल, "डबल 11" के दौरान, 1,000 युआन लेवल का ह्यूमनॉइड रोबोट "शियाओ बुमी" दो दिन में 10,000 से ज़्यादा यूनिट्स बिक गया।