18 अप्रैल को समाप्त हुए पांचवें चीन अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता वस्तु एक्सपो में, फ्रांसीसी एलवीएमएच समूह के तहत एक लग्ज़री ट्रैवल रिटेलर, डेफाई चाइना की महानिदेशक लियू शिंगशू ने संवाददाता से कहा कि उपभोक्ता वस्तु एक्सपो प्लेटफॉर्म की मदद से हमें काफी पसंद किया गया। हमारा मानना है कि खुलेपन के विस्तार और कारोबारी माहौल के अनुकूलन की नीति के निरंतर कार्यान्वयन के साथ, चीन की अर्थव्यवस्था स्थिर और स्वस्थ विकास बनाए रखेगी। हमें चीनी बाजार पर पूरा भरोसा है।
पारंपरिक बाजार अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से, सर्वोत्तम उत्पाद वे हैं जो गुणवत्ता और दाम दोनों में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी हों। इसलिए, कई विकासशील देशों के उद्योग उत्पादों की गुणवत्ता और कीमत पर अपना सारा ध्यान केंद्रित करते हैं। हालाँकि, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक समुदाय का अब नया रुझान उभरा है।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 17 से 18 अप्रैल तक कंबोडिया की राजकीय यात्रा की। इस यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों ने नए युग में सभी मौसमों में साझा भविष्य वाले चीन-कंबोडिया समुदाय के निर्माण पर सहमति जताई, जिससे दोनों देशों के बीच "लोहे जैसी दोस्ती" में नए अर्थ और नई जीवन शक्ति का संचार हुआ।
हर साल 20 अप्रैल को दुनियाभर में संयुक्त राष्ट्र चीनी भाषा दिवस मनाया जाता है। यह दिन केवल एक तारीख नहीं, बल्कि एक अनोखी भाषा के उत्सव का अवसर है—एक ऐसी भाषा जो न केवल दुनिया की सबसे पुरानी और समृद्ध भाषाओं में गिनी जाती है, बल्कि आज भी करोड़ों लोगों को एक साझा सांस्कृतिक धागे में पिरोती है।
चीन एक बड़ी आबादी वाला देश है, ऐसे में चीन में ऊर्जा की खपत बहुत ज्यादा होती है। लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना आसान नहीं है। हालांकि पहले इसके लिए विभिन्न तरह के ऊर्जा संसाधनों का उपयोग होता रहा है। जिसमें जीवाष्म ईंधन वाली ऊर्जा का इस्तेमाल भी शामिल था, लेकिन हाल के वर्षों में चीन ने इसे पूरी तरह बदल दिया है।
चाहे चीन हो या भारत, प्राचीन काल से ही लोगों ने विश्व भर शांति एवं समानता के एक आदर्श समाज की उम्मीद की थी, अर्थात एक ऐसे परम आदर्श समाज की स्थापना करना जिसमें सभी लोग शांत और सुखी जीवन जी सकें। हिन्दी में इसे पुकारता है वसुधैव कुटुम्बकम् । हालाँकि, आदर्शों को वास्तविकता बनने के लिए हमेशा कुछ कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है।
चीन एक कृषि प्रधान देश है, जो भारी मात्रा में अनाज उत्पादन करता है। हालांकि विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के चलते मुश्किलें भी पेश आती हैं। बाढ़, सूखा व सुनामी जैसी आपदाओं ने चीन के साथ-साथ भारत और अन्य देशों को परेशान कर रखा है। जबकि खाद्य सुरक्षा भी एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है।
वर्ष 2023 में चीन और मलेशिया ने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मनायी और चीन-मलेशिया साझे भविष्य वाले समुदाय के निर्माण की घोषणा की। हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मलेशिया की राजकीय यात्रा की। दोनों पक्षों ने चीन-मलेशिया संबंधों के लिए एक नए "स्वर्णिम 50 वर्ष" बनाने और चीन-मलेशिया सहयोग की गति तेज़ करने पर सहमति व्यक्त की।
आर्थिक विकास दर ने भारतीय लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाया है, लेकिन पश्चिमी मीडिया द्वारा प्रचारित नए वैश्विक उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला केंद्र के रूप में भारत की संभावना क्या है? अपने विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आतुर भारत के लिए, देश की आर्थिक संभावनाओं और सामने मौजूद कठिनाइयों का सच्चाई से विश्लेषण करना बहुत आवश्यक है।