इन उपलब्धियों के पीछे लक्षित और सटीक रणनीतियां हैं। दक्षिण-पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत की हुईज़े काउंटी के बाईवू गांव में, स्थानीय अधिकारी हर महीने किसानों से मिलकर उनके राजस्व में हुए बदलाव को रिकॉर्ड करते हैं। उन्होंने एक निगरानी तंत्र की स्थापना की, जो "जल्दी पता लगाना, लक्षित मदद और सतत् विकास" पक्का करता है। इस तंत्र को पूरे देश में बढ़ाया जाता है, जो ट्रिपल स्क्रीनिंग (किसानों के आवेदन, अधिकारियों के विज़िट और डेटा की तुलना) के ज़रिए सम्बंधित जोखिमों का जल्दी पता लगाने और उनका हल निकालने में मदद करता है।
30 नवंबर से 2 दिसंबर तक, 2025 "चीन को समझें" अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन क्वांग च्यो शहर में किया जा रहा है।
वैश्विक विज्ञान एवं नवाचार जगत की निगाहें इस साल के अंत में चीन के दक्षिण-पश्चिमी प्रौद्योगिकी हब छडतू पर टिकी रहेंगी, जहाँ 2025 साइंटिस्ट इनोवेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन 30 नवंबर 2025 को किया जाएगा।
हर साल की तरह इस साल भी भारत की राजधानी की हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक गिर चुकी है। जैसे-जैसे तापमान में गिरावट आ रही है, वैसे-वैसे घनी धुंध और प्रदूषण भी हवा को जहरीला बना रहा है।
हाल ही में, चीनी राज्य परिषद ने "उपभोग सामग्री की आपूर्ति-मांग अनुकूलन क्षमता को बढ़ाने और उपभोग को आगे बढ़ाने के लिए क्रियान्वयन योजना" जारी की, जो सी.पी.सी. की 20वीं कांग्रेस के चौथे पूर्ण अधिवेशन के बाद पहला उपभोग-प्रोत्साहन नीति दस्तावेज़ है। वैश्विक आर्थिक वृद्धि में कमजोरी के संदर्भ में, इसने अंतर्राष्ट्रीय जनमत का बहुत ध्यान खींचा है।
मौजूदा दौर संचार क्रांति का है और इसके दो महत्वपूर्ण अंग हैं, कंप्यूटर और संचार के अत्याधुनिक उपकरण। इस दौर में इन्हीं दो औजारों का ना सिर्फ तेजी से विकास हो रहा है, बल्कि ये अपने साथ दुनिया को भी बदलने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
30 नवंबर 2025 को चीन कुछ खास करने जा रहा है। यहां के सीछ्वेन प्रांत के छडतू शहर में 2025 साइंटिस्ट इनोवेशन कॉन्फ्रेंस होने जा रही है।
हाल ही में, भारत सरकार द्वारा चीनी नागरिकों के लिए पर्यटन वीजा का पूर्ण रूप से फिर से शुरू किया जाना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम दोनों पड़ोसी देशों के बीच लगातार बढ़ रहे सौहार्द का एक स्पष्ट संकेतक माना जा रहा है। जुलाई में देश के भीतर सीमित वीजा सेवाओं की शुरुआत के बाद, अब इसे वैश्विक स्तर पर विस्तारित करने का निर्णय वर्तमान द्विपक्षीय माहौल में बढ़ती हुई विश्वसनीयता को दर्शाता है। इसी क्रम में, पिछले पांच वर्षों के अंतराल के बाद, अक्तूबर के अंत में कोलकाता से क्वांगचोउ के लिए उड़ान भरना दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा की पुनर्शुरुआत का प्रतीक बन गया। दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले दो पड़ोसी राष्ट्रों के बीच इतने लंबे समय तक सीधी संपर्क सेवाओं का स्थगित रहना वास्तव में आश्चर्यजनक था। इसलिए, इस उड़ान ने न केवल यात्रियों को, बल्कि आशा की एक नई लहर को भी लेकर उड़ान भरी।
स्थानीय समयानुसार 23 नवंबर को, G20 शिखर सम्मेलन पहली बार अफ्रीकी महाद्वीप पर सम्पन्न हुआ। इसने अपने पहले दिन एक संयुक्त घोषणा-पत्र अपनाकर एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया, जिससे सभी पक्षों का चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होने का पक्का इरादा दिखा। अभी, दुनिया की अर्थव्यवस्था धीमी विकास का सामना कर रही है, एकतरफ़ावाद बढ़ रहा है, और वैश्विक प्रशासन व्यवस्था में सुधार पीछे चल रहे हैं, जिससे दक्षिणी देशों के प्रतिनिधित्व और आवाज़ को बढ़ाने की तुरंत ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया है।