जैसे ही अमेरिका में नई सरकार कार्यभार संभालेगी, चीन-अमेरिका सहयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदें बढ़ेंगी। कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थाओं ने दो प्रमुख देशों के रूप में चीन और अमेरिका के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और सहयोग के वैश्विक महत्व पर जोर देते हुए टिप्पणी की है। इतिहास ने भी पूरी तरह से साबित कर दिया है कि चीन-अमेरिका सहयोग विश्व शांति और विकास में भारी लाभ ला सकता है।
गत वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था ने असाधारण उथल-पुथल का अनुभव किया है। 2024 की दूसरी छमाही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में कटौती के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे ब्याज दर में कटौती के चक्र में प्रवेश कर गई। कई देशों की मुद्राओं में सापेक्ष मूल्यह्रास हुआ, और केवल अमेरिकी डॉलर सूचकांक प्रवृत्ति के विपरीत बढ़ा है, जबकि अन्य गैर-अमेरिकी मुद्राओं में गिरावट आई।
वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद स्थापित की गई थी। संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय, विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व व्यापार संगठन से गठित अंतर्राष्ट्रीय शासन व्यवस्था ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की विश्व शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हाल ही में, लगभग 5,000 नवीन ऊर्जा वाहनों से भरा एक चीनी परिवहन जहाज दक्षिण चीन के च्यांगसू प्रांत के थाईछांग बंदरगाह से निकल कर यूरोप के लिए रवाना हुआ, जो चीन के नए ऊर्जा वाहन निर्यात की निरंतर वृद्धि को दर्शाता है। BYD और अन्य कार कंपनियों की निर्यात बिक्री दुनिया में अग्रणी है, जो न केवल हरित यात्रा को बढ़ावा देती है, बल्कि चीन के विदेशी व्यापार की स्थिर वृद्धि को भी बढ़ावा देती है।
विश्व का राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे महान बदलावों से गुजर रहा है। अमेरिका और पश्चिम के प्रभुत्व वाली राजनीतिक, आर्थिक और वित्तीय व्यवस्था हिल रही है, जबकि चीन और भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएँ उद्योग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ रहे हैं। तकनीक नवाचार की अजेय प्रवृत्ति के चलते बहुध्रुवीय दुनिया आकार ले चुकी है, और नई दुनिया में उभरती अर्थव्यवस्थाओं की अहम भूमिका साबित होगा।
हाल ही में पश्चिमी चीन के झिंजियांग में स्थित तकलीमाकन रेगिस्तान को "हरित अँगूठी" रखकर दिया गया है, यानी इस 330,000 वर्ग किलोमीटर के विशाल रेगिस्तान के चारों ओर घास की पट्टी सफलतापूर्वक निर्मित की गई है। तकलीमाकन रेगिस्तान को इस हरित पट्टी से घेर दिया गया है और यह अब मानव निवास क्षेत्रों में विस्तारित नहीं कर सकता है।
"चीन और अफ्रीका के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी और जीत-जीत वाली साझेदारी का और अधिक विकास होने की उम्मीद है", "चीन अफ्रीका को उसकी सुरक्षा क्षमता निर्माण को मजबूत करने में समर्थन देने का वचन देता है", "चीन अफ्रीकी देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का विरोध करता है"... चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 11 जनवरी को अफ्रीका की अपनी यात्रा समाप्त की। कई स्थानीय मीडिया ने ऐसी टिप्पणियाँ कीं।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के सालाना नववर्ष के भाषण में जहां चीन की वैश्विक जिम्मेदारी पर जोर रहा, वहीं विश्व शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए चीन की प्रतिबद्धता पर भी फोकस रहा।