कीनेसियनवाद से लेकर वर्तमान नवउदारवाद तक, पश्चिमी आर्थिक सिद्धांतों को विभिन्न देशों द्वारा व्यापक रूप से अपनाया गया है।
1 नवंबर की शाम को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग 32वें एपेक नेताओं की अनौपचारिक बैठक में भाग लेने और दक्षिण कोरिया की अपनी राजकीय यात्रा पूरी करने के बाद चीन की राजधानी पेइचिंग लौट आए। यह "पड़ोसी यात्रा", जो 11 वर्षों में पहली थी, राष्ट्रपति ली जे-म्यांग के पदभार ग्रहण करने के बाद से चीनी और दक्षिण कोरियाई राष्ट्राध्यक्षों के बीच पहली मुलाकात थी। इसने न केवल रणनीतिक सहयोग साझेदारी की पुष्टि की, बल्कि एक "महत्वपूर्ण" घटना के रूप में द्विपक्षीय संबंधों में नई गति भी प्रदान की है, जिससे चीन-दक्षिण कोरिया संबंधों के विकास में एक नए चरण का सूत्रपात हुआ।
अमेरिका ने अपनी आर्थिक एवं वित्तीय शक्तियों के सहारे दूसरे देशों के खिलाफ बिना सोचे-समझे ट्रेड और टैरिफ युद्ध शुरू कर दिए हैं। चीन इसका प्रमुख निशाना रहा है, अमेरिका ने चीनी हाई-टेक कंपनियों पर सख्त रोक-टोक लगाई है।
आठवां चीन अंतर्राष्ट्रीय आयात एक्सपो (CIIE) 5 नवंबर को फिर से शुरू होगा। पूरब का मोती, शांगहाई, एक बार फिर वैश्विक आकर्षण का केंद्र बनेगा।
पेइचिंग में चार दिनों तक चली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं केंद्रीय समिति के चौथे पूर्ण अधिवेशन ने अपनी पांच हजार शब्दों की जो विज्ञप्ति जारी की है, एक तरह से वह चीन के अगले पांच वर्षों की कार्ययोजनाओं और लक्ष्यों का खाका है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक संवृद्धि और सहयोग को नई दिशा देने के लिए दुनिया के ताकतवर देशों के नेता इस साल अक्टूबर के अंत में दक्षिण कोरिया में जुट रहे हैं।
दक्षिण कोरिया के बुसान में चीनी और अमेरिकी नेताओं के बीच हुई बैठक ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। छह वर्षों में पहली बार हुई यह आमने-सामने की बातचीत न केवल चीन-अमेरिका संबंधों की दिशा निर्धारित करती है, बल्कि दुनिया को "पारस्परिक उपलब्धि और समान समृद्धि" का स्पष्ट संकेत भी देती है। दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, दोनों देशों के बीच संबंधों का स्थिर विकास न केवल द्विपक्षीय अपेक्षा है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की साझा आकांक्षा भी है।
28 अक्टूबर को, चीन और आसियान ने आधिकारिक तौर पर उन्नत मुक्त व्यापार क्षेत्र 3.0 प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए, जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफ़ी ध्यान आकर्षित किया। विदेशी मीडिया ने आम तौर पर इस उपलब्धि को बहुपक्षवाद और मुक्त व्यापार के प्रति दोनों पक्षों की दृढ़ प्रतिबद्धता के रूप में देखा, जिसने गहन क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण के लिए एक नया मील का पत्थर स्थापित किया और अस्थिर वैश्विक अर्थव्यवस्था और व्यापार में स्थिरता लाने वाली गति प्रदान की।
20वीं चीनी कम्युनिस्ट पार्टी केंद्रीय समिति के चौथे पूर्णाधिवेशन ने उच्च स्तरीय खुलेपन के विस्तार और उभय-जीत सहयोग को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया, जिससे खुलेपन को जारी रखने के चीन के दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन हुआ। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का मानना है कि चीन के विकास लाभांश वैश्विक समान विकास के अवसरों में तब्दील हो रहे हैं।