क्या आप जानते हैं कि चीनी फिल्म "न जा 2" 25 अप्रैल को भारत के सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गई है और इसे भारत में खूब पसंद भी किया जा रहा है। यह फिल्म हिंदी डब, तमिल, तेलुगु सबटाइटल्स और अंग्रेजी सबटाइटल्स के साथ मौजूद है, और आप इसे IMAX और 3D फॉर्मेट में भी देख सकते हैं।
क्या आप जानते हैं, चीन का कौन-सा प्रांत अब बन गया है एक विशाल फ्री ट्रेड पोर्ट और ग्लोबल शॉपिंग का पावरहाउस? जवाब है- हाईनान! कभी सिर्फ टूरिस्ट डेस्टिनेशन था, अब बन गया है फ्री ट्रेड पोर्ट और ड्यूटी-फ्री शॉपिंग का स्वर्ग। यहां बुलेट ट्रेन पूरे आइलैंड को कवर करती है, और 988 किमी का शानदार कोस्टल हाइवे आइलैंड के किनारे-किनारे घूमता है। ड्यूटी-फ्री शॉपिंग का मजा तो अलग ही है! आइए जानते हैं, कैसे हाईनान बदल रहा है चीन की अर्थव्यवस्था को।
पेइचिंग मेट्रो ऑपरेशन कंपनी ने मेट्रो लाइन नंबर 1-8 के वांगफुचिंग स्टेशन पर पहली बार मुद्रा विनिमय सेवा शुरू की है। यह सेवा केंद्र अमेरिकी डॉलर, यूरो, जापानी येन के साथ 40 से अधिक मुद्राओं के लिए त्वरित विनिमय सुविधा प्रदान करता है। विदेशी यात्रियों की सुविधा के लिए शुरू की गई इस पहल में क्या खास है आइए देखते हैं...
अमेरिका ने जब से दुनिया के करीब 90 देशों पर टैरिफ यानी आयात पर टैक्स लगाना शुरू किया है, तब से एक महीने से अधिक समय बीत चुके हैं। यद्यपि इसके बीच अमेरिका ने अधिकांश देशों पर लगाई गई ड्यूटी को 3 महीने के लिए स्थगित कर दिया है और टैरिफ दरों को कम भी कर दी है। फिर भी अमेरिका की इस मनमाने कार्रवाइयों ने वैश्विक स्तर पर मुक्त व्यापार को संकट में डाल दिया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे अमेरिका के ट्रेड इम्बेलेंस को हल नहीं किया जा सकता है। साथ ही इससे दुनिया के बिज़नेस पर असर पड़ेगा और देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। इसी मुद्दे पर बात करने के लिए हमारे साथ जुड़े हैं भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद यानी आईसीआरआईईआर में आर्थिक नीति शोधकर्ता, डॉ अर्पिता मुखर्जी से। देखिए, यह ख़ास चर्चा....
जब हम भारत और चीन के ऐतिहासिक संबंधों की बात करते हैं, तो उनमें सांस्कृतिक, बौद्धिक और दार्शनिक आदान-प्रदान की एक गहरी धारा दिखाई देती है। इस संबंध में अगर किसी एक व्यक्ति ने आधुनिक युग में इन दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच संवाद, समझ और सहयोग को फिर से जीवंत किया, तो वह हैं – रविंद्रनाथ टैगोर। वह सिर्फ एक महान कवि, लेखक या नोबेल पुरस्कार विजेता ही नहीं थे, बल्कि भारत और चीन के बीच संवाद का एक जीवंत पुल, एक सांस्कृतिक सेतु थे। हर साल बंगाली महीने 'बोइशाख' की 25 तारीख को देशभर में उनकी जयंती मनाई जाती है। इस बार यह जयंती 9 मई को मनाया जा रहा है। आज इन सभी पर चर्चा करने के लिए हमारे साथ जुड़ गये हैं शांतिनिकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय में चीना भवन के निदेशक, प्रोफेसर अविजीत बनर्जी। देखिये, यह खास चर्चा......
आशा के स्टोरी टाइम में आपका स्वागत है। आज हम जो कहानी बताने जा रहे हैं वह एक खेत पर घटित होती है।जैसे-जैसे ट्रम्प का व्यापार युद्ध आगे बढ़ रहा है, अमेरिकी खेतों में भी अराजकता फैल रही है।
अमेरिकी टैरिफ दबाव का सामना करते हुए, चीन ने तुरंत मजबूत जवाबी कदम उठाए, तथा सटीक और शक्तिशाली नीति संयोजन के साथ राष्ट्रीय हितों और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा की। नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि यद्यपि आसियान देशों, यूरोपीय संघ के देशों और बेल्ट एंड रोड पहल में भाग लेने वाले देशों के साथ चीन का आयात और निर्यात व्यापार लगातार बढ़ रहा है, फिर भी अमेरिकी सरकार के टैरिफ के दुरुपयोग के हस्तक्षेप और प्रभाव के बावजूद, यह चीनी अर्थव्यवस्था की मजबूत लचीलापन की पुष्टि करता है। साथ ही, चीन-अमेरिका व्यापार में अभी भी 4% की वृद्धि बनी हुई है, जिससे यह भी पता चलता है कि चीन-अमेरिका आर्थिक और व्यापार सहयोग एक अंतर्जात प्रेरक शक्ति है। चीन का यह कदम न केवल एकतरफा धौंस-धमकी का दृढ़ जवाब है, बल्कि "शक्ति ही सही है" के गलत तर्क का भी शक्तिशाली खंडन है, जो वैश्विक व्यापार नियमों को बनाए रखने के लिए एक प्रमुख मानदंड स्थापित करता है।
हाल ही में इंडियन यूथ लीडर्स फेडरेशन के दस युवाओं का एक ग्रुप चीन के दौरे पर गया। इस खास दौरे में उन्होंने बीजिंग और थ्येनचिन जैसे बड़े शहरों की सैर की। वहां उन्होंने कई इंस्टिट्यूट्स और ऑर्गनाइजेशन्स का दौरा किया। इतना ही नहीं, उन्होंने न्यू एनर्जी से जुड़े चीनी बिजनेस और कई कम्युनिटीज़ से भी मुलाकात की। इस ग्रुप की लीडर अंजू यादव ने हमें बताया कि ये अनुभव उनके लिए बेहद खास रहा। उनका मानना था कि ये दौरा न सिर्फ भारतीय युवाओं के लिए एक शानदार मौका था, बल्कि दोनों देशों के बीच दोस्ती को और मजबूत करने का भी एक कदम है। देखिए यह खास चर्चा....
1 मई को हम एक ऐसा त्यौहार मनाते हैं जो सभी श्रमिकों का है। आइये हमारे साथ सबसे खूबसूरत श्रमिकों की तस्वीर लें। इस वीडियो के माध्यम से प्रत्येक श्रमिक को श्रद्धांजलि अर्पित करें!
1905 में, चीन की पहली फिल्म "अटल जनरल" पेइचिंग के ग्रैंड व्यू टॉवर में प्रदर्शित की गई, जिससे चीनी फिल्म इतिहास में एक गौरवशाली अध्याय शुरू हुआ। पेकिंग ओपेरा के प्रदर्शन क्लिप दिखाने से लेकर आज के उच्च प्रारूप अनुप्रयोगों जैसे 3डी और 4के तक, चीनी फिल्म ने 120 वर्षों की अद्भुत यात्रा तय की है। इस समय, "युग को श्रद्धांजलि, प्रकाश और छाया का साक्षी - चीनी फिल्म के जन्मस्थान पर प्रक्षेपण उपकरणों की प्रदर्शनी" चीनी फिल्म के जन्मस्थान में प्रदर्शित की जा रही है। एक शताब्दी के फोटो, अखबारों की कतरनें, पोस्टर, प्रोजेक्टर... चुपचाप दर्शकों को प्रकाश और छाया की यह कहानी सुनाते हैं। चीनी फिल्मों के विकास पथ को जानने के लिए वीडियो पर क्लिक करें!
इस साल वर्ल्ड सिनेमा का 130वीं वर्षगांठ, चाइनीज़ सिनेमा की 120वीं सालगिरह, और पेइचिंग इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल (BJIFF) का 15वां धमाकेदार एडिशन है। 1895 में ल्यूमियर ब्रदर्स की फ़िल्मी ट्रेन से शुरू हुआ सिनेमा का जादू आज हॉलीवुड, बॉलीवुड, कोरियन, ईरानियन, चाइनीज़ आदि फ़िल्म इंडस्ट्रीज तक फैल चुका है। वहीं, 120 साल का चाइनीज़ सिनेमा इमोशन्स, कल्चर और ग्लैमर का बेजोड़ मिक्स है, जो एक पूरे देश की कला, संस्कृति और सोच का आइना बन चुका है। उधर, 15 साल का पेइचिंग इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल दुनिया भर की फिल्मों, डायरेक्टर्स, एक्टर्स और फिल्म लवर्स को एक साथ लाता रहा है। यहाँ न सिर्फ फिल्में दिखाई जाती हैं, बल्कि नए आइडिया, टेक्नोलॉजी और कोलेबोरेशन की बातें भी होती हैं।
एक बैल राक्षस राजा का मास्क पहने हुए ये शख्स क्या सच में गुस्से में है, या ये बस खाने-पीने की चीज़ें बेचने का तरीका है? देखिए, कैसे उसकी गुस्सैल नजरें और हरकतें उसे हर किसी का ध्यान आकर्षित करने में मदद करती हैं, और साथ में बेच रहे हैं शानदार आईस-टी, जूस, हॉट-डॉग और भी बहुत कुछ!