"चीन एक अत्यधिक गतिशील नवाचार केंद्र है," "चीनी बाजार हमारे नवाचार प्रथाओं के लिए एक 'परीक्षण का मैदान' बन गया है," "हम अगले 100 वर्षों के लिए चीन में दृढ़ता से निवेश करेंगे," "हम लगभग 100 स्टोर जोड़ेंगे" ... 8 वें CIIE में, चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के संवाददाता को दिए इन्टरव्यू में लोरियल ग्रुप के सीईओ निकोलस हिरोनिमस और टेपेस्ट्री ग्रुप के मुख्य विकास अधिकारी और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अध्यक्ष संदीप सेठ ने ये बातें कहीं।
चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना की शुरुआत साल 2021 में हुई थी और यह इस साल, 2025 में खत्म हो रही है। यह योजना देश के अगले पाँच साल के विकास की राह दिखाती है। इसका मकसद सिर्फ तेज़ आर्थिक वृद्धि हासिल करना नहीं है, बल्कि समझदारी और संतुलन के साथ आगे बढ़ना है। इस योजना में विज्ञान और तकनीक पर खास जोर दिया गया है, ताकि चीन आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ सके। इसका मुख्य लक्ष्य लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना और साल 2035 तक चीन को एक आधुनिक और मज़बूत देश के रूप में खड़ा करना है। इस विषय पर और गहराई से बात करने के लिए हमारे साथ जुड़े हैं इंडिया-चाइना इकोनॉमिक एंड कल्चरल काउंसिल के सेक्रेटरी जनरल मोहम्मद साकिब।
शनचन, जिसे फंग शहर के नाम से भी जाना जाता है, का नाम प्रसिद्ध पक्षी फंग के नाम पर रखा गया है, जो एक विशाल मछली में रूपांतरित हो जाता है, यह परिवर्तन शहर के अपने उल्कापिंडीय उत्थान को प्रतिबिंबित करता है।
आज चीन ड्रोन तकनीक, इलेक्ट्रिक वाहनों, सोलर एनर्जी और डिजिटल पेमेंट सिस्टम में सबसे आगे है। चीन के युवा अब सिर्फ “कॉपी” नहीं, बल्कि “क्रीएट” कर रहे हैं। यही कारण है कि दुनिया अब चीन को “कॉपी कैट” नहीं, बल्कि “इनोवेशन का हब” कहने लगी है। इस पर और अधिक चर्चा करने के लिए हमारे साथ नई दिल्ली से जुड़ गई हैं चाइना बिजनेस कंसल्टेंट और चाइनीज़ भाषा की एक्सपर्ट कनिका अरोड़ा...
प्रत्येक अंतर्राष्ट्रीय संवाद हमारे समय के मिशन को लेकर चलता है, तथा विचारों का प्रत्येक आदान-प्रदान सहयोग की आशा को जन्म देता है।
2025 चीन शीत्सांग (तिब्बत) विकास मंच के एक भाग के रूप में, पहला शीत्सांग अंतर्राष्ट्रीय संचार सम्मेलन 29 अक्तूबर को शीत्सांग स्वायत्त प्रदेश के न्यिंगची शहर में आयोजित किया गया।
दुनिया भर से आए विदेशी मेहमान 27 से 30 अक्तूबर तक शीत्सांग स्वायत्त प्रदेश के न्यिंगची शहर में आयोजित 2025 शीत्सांग विकास मंच में एकत्र हुए।
शीत्सांग (तिब्बत) स्वायत्त प्रदेश की जन सरकार द्वारा आयोजित और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की शीत्सांग स्वायत्त प्रदेश समिति के प्रचार विभाग तथा शीत्सांग स्वायत्त प्रदेश के न्यिंगची शहर की जन सरकार द्वारा सह-आयोजित "2025•चीन शीत्सांग विकास मंच" 27 से 30 अक्तूबर तक न्यिंगची में आयोजित किया जाएगा।
अगर आज आप किसी चीनी शहर की सड़कों पर निकलें— चाहे वो बीजिंग की हाईवे हों, शनचन की स्मार्ट लेन्स हों या शांगहाई का बिज़नेस ज़ोन, तो एक चीज़ तुरंत ध्यान खींचती है: सड़कों पर दौड़ती EV यानी Electric Vehicles। ऐसा लगता है जैसे पेट्रोल और डीज़ल वाली पुरानी गाड़ियाँ किसी पुरानी याद की तरह पीछे छूट गई हैं। एक समय था जब चाइना को साइकिलों का देश कहा जाता था। लेकिन आज वही चाइना दुनिया की सबसे बड़ी EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) शक्ति बन चुका है। यह बदलाव केवल सड़कों पर गाड़ियों के ईंधन के बदलने का नहीं, बल्कि सोच, तकनीक और दृष्टिकोण के बदलने का प्रतीक है। चलिए, आज की न्यूज़ स्टोरी में चाइना की EV क्रांति के बारे में बात करेंगे।
ज़रा सोचिए... आप एक यंग साइंटिस्ट हैं, इंजीनियर हैं या फिर किसी नए आईडिया पर जी-जान से काम कर रहे हैं। आपके अंदर पैशन कूट-कूटकर भरा है, कुछ नया करने की ज़बरदस्त चाहत है, लेकिन अभी तक किसी कंपनी से कोई ऑफ़र लेटर नहीं मिला है। अब अगर मैं आपसे कहूँ कि आप बिना किसी स्पांसर या आमंत्रण के सीधे चीन जाकर अपनी पढ़ाई, रिसर्च, इनोवेशन या बिज़नस की शुरुआत कर सकते हैं- तो कैसा लगेगा? यह कोई हवाई बात नहीं है। आज की न्यूज़ स्टोरी में हम बात करेंगे चीन के एक बहुत ही बड़े कदम- 'K' वीज़ा के बारे में, जो 1 अक्टूबर 2025 से लागू हुआ है।