शीत्सांग (तिब्बत) स्वायत्त प्रदेश की जन सरकार द्वारा आयोजित और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की शीत्सांग स्वायत्त प्रदेश समिति के प्रचार विभाग तथा शीत्सांग स्वायत्त प्रदेश के न्यिंगची शहर की जन सरकार द्वारा सह-आयोजित "2025•चीन शीत्सांग विकास मंच" 27 से 30 अक्तूबर तक न्यिंगची में आयोजित किया जाएगा।
अगर आज आप किसी चीनी शहर की सड़कों पर निकलें— चाहे वो बीजिंग की हाईवे हों, शनचन की स्मार्ट लेन्स हों या शांगहाई का बिज़नेस ज़ोन, तो एक चीज़ तुरंत ध्यान खींचती है: सड़कों पर दौड़ती EV यानी Electric Vehicles। ऐसा लगता है जैसे पेट्रोल और डीज़ल वाली पुरानी गाड़ियाँ किसी पुरानी याद की तरह पीछे छूट गई हैं। एक समय था जब चाइना को साइकिलों का देश कहा जाता था। लेकिन आज वही चाइना दुनिया की सबसे बड़ी EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) शक्ति बन चुका है। यह बदलाव केवल सड़कों पर गाड़ियों के ईंधन के बदलने का नहीं, बल्कि सोच, तकनीक और दृष्टिकोण के बदलने का प्रतीक है। चलिए, आज की न्यूज़ स्टोरी में चाइना की EV क्रांति के बारे में बात करेंगे।
ज़रा सोचिए... आप एक यंग साइंटिस्ट हैं, इंजीनियर हैं या फिर किसी नए आईडिया पर जी-जान से काम कर रहे हैं। आपके अंदर पैशन कूट-कूटकर भरा है, कुछ नया करने की ज़बरदस्त चाहत है, लेकिन अभी तक किसी कंपनी से कोई ऑफ़र लेटर नहीं मिला है। अब अगर मैं आपसे कहूँ कि आप बिना किसी स्पांसर या आमंत्रण के सीधे चीन जाकर अपनी पढ़ाई, रिसर्च, इनोवेशन या बिज़नस की शुरुआत कर सकते हैं- तो कैसा लगेगा? यह कोई हवाई बात नहीं है। आज की न्यूज़ स्टोरी में हम बात करेंगे चीन के एक बहुत ही बड़े कदम- 'K' वीज़ा के बारे में, जो 1 अक्टूबर 2025 से लागू हुआ है।
आज हम उस विषय पर बात करेंगे, जिस पर अक्सर लोग चुप्पी साध लेते हैं। यह विषय है मेंटल हेल्थ, यानी मानसिक स्वास्थ्य। और आज का दिन इस पर बात करने के लिए और भी खास है क्योंकि 10 अक्टूबर को पूरी दुनिया वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाती है। इस दिन का मकसद है उस खामोशी को तोड़ना, जो लंबे समय से मानसिक स्वास्थ्य के चारों ओर बनी हुई है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इसकी ज़रूरत क्यों है? तो चलिए, आज की न्यूज़ स्टोरी में बात करेंगे इस important topic मेंटल हेल्थ के बारे में।
क्या आपने कभी सोचा है कि चाँद को देखकर आपका मन क्यों करता है कि बस उसे देखते ही रहें? उसकी गोल, चाँदी जैसी चमक में ऐसा क्या जादू है कि हम सब उसमें खो जाते हैं? आज की न्यूज़ स्टोरी में मैं एक ऐसे ही ख़ास त्योहार की बात करने वाले हैं, जो पूरा का पूरा चाँद को समर्पित है- मध्य-शरद उत्सव यानी Mid-Autumn Festival, जिसे मून केक फ़ेस्टिवल भी कहते हैं।
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम सुनते ही सबसे पहले जो छवि मन में उभरती है, वह है एक सादा-सा कपड़ा पहने, हाथ में लाठी लिए, दयालु और दृढ़ संकल्प वाला व्यक्तित्व। गांधी जी केवल भारत के नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के थे। उनका जीवन, उनके विचार और उनकी संघर्षगाथा सीमाओं में बंधी नहीं थी। यही वजह है कि आज भी अफ्रीका से लेकर यूरोप तक, और एशिया से लेकर अमेरिका तक, उनके नाम का सम्मान किया जाता है। पर क्या आप जानते हैं कि गांधी जी और चीन के बीच भी एक अनकहा रिश्ता रहा है?
बीजिंग में नए आने वाले भारतीयों के लिए शुरुआती चुनौतियाँ एक आम बात है। यह एपिसोड ऐसे ही प्रवासी भारतीयों के जीवन, संघर्षों और उनके अद्भुत समाधानों की कहानी है।
फिल्म “731” 18 सितंबर को दुनिया के कई क्षेत्रों में रिलीज हुई। लेकिन “731” से संबंधित ऐतिहासिक डेटा के विश्व रजिस्टर की स्मृति में शामिल कराने का आवेदन अभी भी सफल नहीं हो सका।