दक्षिण-पूर्वी चीन के चच्यांग प्रांत में यिवू शहर को "छोटे सामानों की विश्व राजधानी" के रूप में जाना जाता है। 40 लाख वर्ग मीटर में फैले अपने विशाल अंतर्राष्ट्रीय व्यापार बाजार के साथ, यिवू दुनिया भर के व्यापारियों और उद्यमियों को आकर्षित करता है।
चीनी आधुनिकीकरण विकास के लिए एक ख़ास दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है जिसने चीन को गहराई से बदल दिया है और वैश्विक समुदाय को महत्वपूर्ण लाभ पहुँचाया है। चीनी आधुनिकीकरण का सबसे महत्वपूर्ण लाभ राष्ट्रीय प्रगति की नींव के रूप में आर्थिक विकास पर इसका जोर है।
चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, सबसे बड़ा विनिर्माण केंद्र और वस्तुओं का एक अग्रणी वैश्विक व्यापारी है। जैसे-जैसे पश्चिम के विकसित देश व्यापार बाधाओं को बढ़ा रहे हैं, वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता और स्वस्थ विकास के लिए चीन की और अधिक खुलेपन तथा सुधार की प्रतिबद्धता आवश्यक हो जाती है।
क्या आप जानते हैं कि एशिया के दो दिग्गज, भारत और चीन, ग्लोबल साउथ का समर्थन करने में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए आगे आ रहे हैं? ये प्रयास केवल विकास के बारे में नहीं हैं; वे विश्व पटल पर अपने प्रभाव का विस्तार करने की उनकी महत्वाकांक्षाओं को भी दर्शाते हैं।
शिक्षा किसी भी देश की तरक्की की नींव है, जो भविष्य तय करती है और विकास को गति देती है। जैसे-जैसे हम 21वीं सदी में जा रहे हैं, समृद्ध इतिहास और उज्ज्वल भविष्य वाले दो एशियाई देश भारत और चीन, उच्च शिक्षा के क्षेत्र को नए सिरे से तैयार करने में लगे हुए हैं। वे अपनी उच्च शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। एक-दूसरे से सीखकर दोनों देश शिक्षा में हाई-स्टैंडर्ड हासिल करना चाहते हैं।
जब हम ग्लोबल इकोनॉमी के बारे में सोचते हैं, तो अक्सर दो देश दिमाग में आते हैं: भारत और चीन। ये दोनों देश न केवल एशिया में पड़ोसी हैं; बल्कि वे ग्लोबल मार्केट में भी प्रमुख खिलाड़ी हैं। आइए जानते हैं कि वे ग्लोबल इकोनॉमी के भविष्य को कैसे आकार दे रहे हैं और इसका हम सभी के लिए क्या मतलब है।
कुछ महीने पहले अमेरिका की मशहूर पत्रिका न्यूज़वीक को दिए इंटरव्यू में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ भारत के संबंधों के साथ-साथ भारत की विदेश नीति की रूपरेखा पर बात की, जिसमें इस बात पर ज़ोर दिया गया कि यह “चीन विरोधी” नहीं है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों को एक नए मुकाम पर ले जाने का समय आ गया है, जिससे एशियाई सदी की शुरुआत हो सकती है।
कहा जाता है कि जब लड़कियां शिक्षित होती हैं तो देश ज्यादा मज़बूत और सशक्त होता है। दुनियाभर में हर साल 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है।
वर्ल्ड बैंक द्वारा छापे गए इन आंकड़ों से पता चलता है कि इस सारे कचरे का निपटारा करना कितना मुश्किल है। कचरे को सही तरीके से फेंकना वाकई बहुत ज़रूरी है। यह सिर्फ़ चीज़ों को साफ रखने के लिए जरूरी नहीं है बल्कि यह हमारी ज़रूरत की चीज़ों को बचाने और लोगों और प्रकृति पर बुरे प्रभावों को रोकने के लिए बेहद ज़रूरी है।