चीन में अकसर हम आधुनिक यातायात संसाधनों के बारे में बात करते हैं। जिसमें तेज गति की ट्रेनों और महंगी कारों की चर्चा अकसर होती है। साथ ही मैग्लेव व चीन द्वारा तैयार बड़े विमान भी विश्व का ध्यान आकर्षित करते हैं।
चीनी नागरिक और सरकार न केवल कन्फ्यूशियस के विचारों से प्रभावित हैं, बल्कि उन्हें बहुत सम्मान भी देते हैं। चीन में उनसे संबंधित कई मूर्तियाँ और मन्दिर हैं। जहाँ हमें इस महान दार्शनिक से जुड़ी तमाम जानकारी और विभिन्न चीज़ें देखने को मिलती हैं।
शानतोंग प्रांत के छवीफू शहर में वैसे तो दार्शनिक और विचारक कन्फ़्यूशियस से जुड़ी तमाम चीज़ें मौजूद हैं। लेकिन कन्फ़्यूशियस म्यूज़ियम का उल्लेख किए बिना यह दौरा अधूरा रहेगा।
महान चीनी दार्शनिक कन्फ्यूशियस का जन्मस्थान लोगों को बरबस अपनी ओर खींच लाता है। क्योंकि चीन सरकार ने उनके रहने के स्थान, अध्यापन स्थल व मंदिरों को बहुत अच्छे ढंग से संजो कर रखा हुआ है।
चीन के महान दार्शनिक, शिक्षक और विचारक कन्फ्यूशियस दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। कन्फ्यूशियसवाद के प्रवर्तक कन्फ्यूशियस (खोंगच) के बारे में हमेशा गहराई से जानने और समझने की इच्छा रही है।
चीन और भारत बड़े कृषि प्रधान देश हैं। लेकिन दोनों देशों में खेती करने के तरीकों में अंतर नजर आता है। जहां चीन तकनीक के इस्तेमाल पर अधिक जोर दे रहा है, वहीं भारत में अधिकांश क्षेत्रों में खेती अब भी परंपरागत तरीके से हो रही है।
हिंदी भाषा के जानकार और रेडियो प्रेमी ऋषि कुमार शर्मा दशकों से हिंदी के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। रेडियो के माध्यम से उन्होंने चीन और चीनी संस्कृति के बारे में काफी जानकारी हासिल की है।
भाषाएं लोगों को जोड़ती हैं, विभिन्न देशों की संस्कृतियों को करीब लाती हैं। भाषा को जानने और समझने से आप उस संबंधित देश या क्षेत्र के रीति-रिवाजों और खानपान आदि के बारे में गहराई से जानकारी हासिल करते हैं।
चीन में नदियों और विभिन्न झीलों का कायापलट हो रहा है। इसके तहत जल की गुणवत्ता सुधारने के साथ-साथ नदियों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। केंद्र सरकार और जल संसाधन मंत्रालय द्वारा इस दिशा में एक अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें वर्ष 2027 का लक्ष्य रखा गया है।
भारतीय पत्रकार सीताराम मेवाती ने पिछले दिनों चीन के शिन च्यांग का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने वहाँ की स्थिति को क़रीब से देखा और जाना। उन्होंने सीजीटीएन हिंदी संवाददाता अनिल पांडेय के साथ इंटरव्यू में बताया कि शिनच्यांग में लोग खुशहाल हैं। साथ ही लोगों को उनके धर्म आदि को मानने की पूरी आज़ादी है।
चीन में विकास की रफ्तार को सतत बनाए रखने के लिए कोशिशें जारी हैं। बताया जाता है कि चीन इस साल उपभोग को बढ़ावा देने पर ध्यान दे रहा है। साथ ही चीन में देश के भीतर घरेलू मांग को बढ़ाने की आवश्यकता जताई गयी है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों में निवेश में इजाफा किए जाने पर ज़ोर है। जाहिर है कि चीन में विकास की गुणवत्ता एक अहम विषय है, जिस पर सरकारी एजेंसियों का ध्यान केंद्रित हुआ है।
चीनी छात्र इन दिनों विभिन्न विश्विद्यालयों में प्रवेश पाने के लिए परीक्षा देने में व्यस्त हैं।“काओ खाओ” नाम के इस एग्ज़ाम को इन विद्यार्थियों के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और मुश्किल एग्ज़ाम माना जाता है। क्योंकि यह इम्तिहान छात्रों का जीवन बदल कर रख देता है। इस परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करने वालों को देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में एडमिशन मिल पाता है। जो उनके करियर को संवारने का अहम प्लेटफार्म बनता है। चीन में इस साल का कॉलेज एंट्रेंस एग्ज़ाम 7 जून को शुरू हुआ।