"बेल्ट एंड रोड" पहल (बीआरआई) का दायरा लगातार विस्तृत हो रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा शुरू की गयी इस महत्वाकांक्षी पहल में कई देश शामिल हो चुके हैं, जबकि दूसरे देश भी भागीदार बनने के इच्छुक हैं।
दुनिया में जलवायु परिवर्तन की समस्या गंभीर होती जा रही है। जिसके कारण विश्व के तमाम क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा की घटनाएं आम हो गयी हैं। इससे निपटने के लिए हर देश को अपनी जिम्मेदारी निभाने की जरूरत है।
चीन में हाल के दशकों में लोगों के जीवन स्तर में काफी सुधार आया है, वे न केवल खुशहाल और सुरक्षित हैं, बल्कि जीवन का आनंद भी उठा रहे हैं। अगर उम्रदराज यानी बुजुर्ग नागरिकों की बात करें तो रिटायरमेंट के बाद उनका गोल्डर सफर शुरू होता है।
नदियां हर देश और क्षेत्र की सभ्यता, संस्कृति से गहराई से जुड़ी होती हैं। नदियों के आसपास रहने वाले लोगों के लिए इनका महत्व बहुत ज्यादा होता है। क्योंकि लोग अपने आसपास की चीजों और वातावरण से बहुत लगाव रखते हैं।
आज का दौर तकनीक का दौर है और इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) की भूमिका बहुत अहम हो चुकी है। जीवन के हर क्षेत्र में तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है और एआई इसमें सबसे आगे है।
चीन एक बड़ा देश है और यहां कई नदियां बहती हैं, इनका संरक्षण और संवर्धन पर्यावरण के लिहाज से काफी अहम है। हाल के वर्षों में चीन सरकार ने नदियों आदि के रखरखाव व स्वच्छता पर बहुत ध्यान दिया है। नदियों का संरक्षण न केवल सांस्कृतिक लिहाज से जरूरी है, बल्कि आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।
विदेश में रहते हुए तीज-त्योहारों के आयोजन से प्रवासियों को एक अलग ही अनुभूति होती है। इसमें हिस्सा लेने वाले लोगों का जोश देखने लायक होता है। इसी तरह चीन की राजधानी पेइचिंग में रहने वाले मलयाली कम्युनिटी और अन्य प्रवासी भारतीयों के लोगों के साथ-साथ विदेशी मेहमानों व दूतावास के प्रतिनिधियों ने ओणम(Onam)त्योहार उत्साह के साथ मनाया।
चीन की राजधानी पेइचिंग में इस सप्ताहांत गणेशोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया और गणपति बप्पा की धूम रही। इस समारोह में मराठी कम्युनिटी के लोगों के साथ-साथ अन्य प्रवासी भारतीयों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
हाल के दशकों में हुए तमाम संघर्षों को देखें या इतिहास में हुई लड़ाईयों को। युद्ध और संघर्ष से आम नागरिकों का जीवन तबाह हो गया और उनके मानवाधिकारों का हनन हुआ। बच्चों और महिलाओं को युद्ध की विभीषिका सबसे अधिक सहनी पड़ी।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ सम्मेलन के इतर बैठक की, जो कि लगभग एक घंटे तक चली। इस दौरान दोनों नेताओं ने हाल के समय में संबंध सुधारने को लेकर हुई कोशिशों और प्रयासों का उल्लेख किया।
शांगहाई सहयोग संगठन यानी एससीओ शिखर बैठक में हिस्सा लेने चीन पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोरदार स्वागत हुआ। थ्येनचिन एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी के लिए चीनी अधिकारी मौजूद रहे, जबकि चीनी बच्चों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किये।