वर्तमान वैश्विक जलवायु संकट के दौर में, हर देश को न केवल अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखना है, बल्कि एक वैश्विक ज़िम्मेदारी भी निभानी है। इसी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए, चीन ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में अपना नया राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) प्रस्तुत किया। एक ऐसा लक्ष्य जो पहली बार उसके संपूर्ण आर्थिक क्षेत्र और सभी ग्रीनहाउस गैसों पर लागू होता है।
पतझड़ यह मौसम सिर्फ प्रकृति की एक अवस्था नहीं, बल्कि एक भावना है, एक कविता है, एक कहानी है। विशेषकर चीनी साहित्य में, पतझड़ ने सदियों से कवियों और साहित्यकारों की कलम को उर्वरता दी है। चीनी कविता का प्रारंभ माना जाने वाला ग्रंथ “गीतों की पुस्तक” (The Book of Songs या Shi Jing), जिसमें 305 प्राचीन कविताएँ शामिल हैं, उस भावनात्मक गहराई और जीवन के अवलोकन का सुन्दर संग्रह है; जिसमें ऋतुओं के बदलते रंगों का भी अद्भुत वर्णन मिलता है।
पेइचिंग के दिथान पार्क में 11वां दिथान जिन्कगो सांस्कृतिक महोत्सव चल रहा है, क्योंकि पेइचिंग जिन्कगो के पेड़ों को देखने के अपने चरम मौसम में प्रवेश कर रहा है, जो आम तौर पर अक्टूबर के अंत से नवंबर के मध्य तक चरम पर होता है।
हाल ही में ऑस्ट्रेलियन पत्रकार किम बर्गमैन ने शिंच्यांग की यात्रा की। इस यात्रा में उन्होंने इस क्षेत्र के भू-राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहलुओं को गहराई से समझने की कोशिश की है।
चीन के हेनान प्रांत के जियुआन शहर की हालिया यात्रा मेरे लिए बेहद खास रही। यहाँ आयोजित “मंकी किंग गैदरिंग”ने न सिर्फ़ नया गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया, बल्कि मुझे उस किरदार को भी करीब से जानने का मौका दिया जो चीन की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है, “सुन वुखोंग”।
जब मैंने भारत से चीन आने का निर्णय लिया, तो मन में उत्साह और आशंका दोनों ही थे। एक ओर यह खुशी थी कि मुझे पेकिंग यूनिवर्सिटी जैसी विश्वप्रसिद्ध संस्था में हिंदी अध्यापिका बनने का अवसर मिला, वहीं दूसरी ओर यह चिंता भी थी कि एक नए देश, नई भाषा और नई संस्कृति के बीच खुद को कैसे ढालूँगी।
20 सितम्बर 2025 का दिन चीन के हेनान प्रांत के जियुआन शहर के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। यहाँ वुलोंगकौ दर्शनीय क्षेत्र में आयोजित “मंकी किंग गैदरिंग”ने गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह बना ली। इस आयोजन में 262 प्रतिभागी सुन वुकोंग यानी “बंदर राजा”के रूप में तैयार होकर एकत्र हुए और आधिकारिक तौर पर “सबसे बड़ी मंकी किंग सभा”का नया रिकॉर्ड स्थापित किया।
शिक्षा केवल कक्षा और पाठ्यपुस्तक तक सीमित नहीं होती। यह वह नींव है जिस पर किसी भी समाज और राष्ट्र का भविष्य टिका होता है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए चीन ने नि:शुल्क पूर्वस्कूली शिक्षा को प्राथमिकता दी है। यह केवल बच्चों को स्कूल भेजने की नीति नहीं, बल्कि राष्ट्र को आने वाले कल के लिए तैयार करने की एक दूरदर्शी पहल है।
सतत् विकास की दिशा में चीन ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। हाल ही में शांगदोंग प्रांत के छिंगताओ शहर में दुनिया की पहली “सुपर ज़ीरो-कार्बन बिल्डिंग”टेल्ड मुख्यालय बेस का उद्घाटन हुआ।
पेइचिंग का थ्येनआनमेन चौक- चीन की आत्मा और संघर्ष का प्रतीक। एक भारतीय लड़की की नज़र से मेरे लिए यह सिर्फ एक स्मृति स्थल नहीं, बल्कि इतिहास के जीवंत पन्नों की तरह है, जहां 3 सितंबर को चीनी जनता के जापानी अतिक्रमण विरोधी युद्ध और विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया।
भारत और चीन की भूमिका शांगहाई सहयोग संगठन (SCO) में किस तरह बदल रही है? क्षेत्रीय सहयोग, सुरक्षा और विकास पर इसका क्या असर होगा? इन अहम सवालों पर सीजीटीएन हिंदी ने बातचीत की भारत के वरिष्ठ पत्रकार और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार आशीष तिवारी से।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को लेकर चीन ने एक बार फिर वैश्विक सहयोग और साझा प्रगति पर जोर दिया है। चीन का कहना है कि एआई केवल तकनीकी प्रतिस्पर्धा का क्षेत्र नहीं है, बल्कि यह मानवता की भलाई और वैश्विक विकास के लिए साझा अवसर प्रदान करता है।