सतत् विकास की दिशा में चीन ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है। हाल ही में शांगदोंग प्रांत के छिंगताओ शहर में दुनिया की पहली “सुपर ज़ीरो-कार्बन बिल्डिंग”टेल्ड मुख्यालय बेस का उद्घाटन हुआ।
पेइचिंग का थ्येनआनमेन चौक- चीन की आत्मा और संघर्ष का प्रतीक। एक भारतीय लड़की की नज़र से मेरे लिए यह सिर्फ एक स्मृति स्थल नहीं, बल्कि इतिहास के जीवंत पन्नों की तरह है, जहां 3 सितंबर को चीनी जनता के जापानी अतिक्रमण विरोधी युद्ध और विश्व फासीवाद विरोधी युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया।
भारत और चीन की भूमिका शांगहाई सहयोग संगठन (SCO) में किस तरह बदल रही है? क्षेत्रीय सहयोग, सुरक्षा और विकास पर इसका क्या असर होगा? इन अहम सवालों पर सीजीटीएन हिंदी ने बातचीत की भारत के वरिष्ठ पत्रकार और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार आशीष तिवारी से।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को लेकर चीन ने एक बार फिर वैश्विक सहयोग और साझा प्रगति पर जोर दिया है। चीन का कहना है कि एआई केवल तकनीकी प्रतिस्पर्धा का क्षेत्र नहीं है, बल्कि यह मानवता की भलाई और वैश्विक विकास के लिए साझा अवसर प्रदान करता है।
भारत और चीन, एशिया की दो प्रमुख शक्तियाँ, एक बार फिर संवाद की नई शुरुआत की ओर बढ़ रही हैं। दोनों देशों ने संकेत दिए हैं कि वे आपसी सम्बंधों को सामान्य बनाने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने के लिए उच्च-स्तरीय बातचीत शुरू करेंगे।
चीन की राजधानी पेइचिंग के भारतीय दूतावास में भारतीय स्वतंत्रता दिवस बड़े हर्ष और उत्साह के साथ मनाया गया।
भारत का 79वां स्वतंत्रता दिवस चीन की राजधानी पेइचिंग स्थित भारतीय दूतावास में पूरे उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। समारोह में दूतावास के अधिकारियों, प्रवासी भारतीय समुदाय, विद्यार्थियों और चीन में कार्यरत भारतीय नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
आज का चीन एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जहाँ तकनीकी विकास और हरित नीतियाँ साथ-साथ चल रही हैं। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अब सिर्फ उत्पादन और व्यापार में ही नहीं, बल्कि हरित तकनीक और नवाचार में भी तेजी से आगे बढ़ रही है।
दुनिया में टेक्नोलॉजी की रेस में चीन ने एक बार फिर बड़ा धमाका कर दिया है। चीन ने हाल ही में ऐसा पहला रोबोट लॉन्च किया है जो 24 घंटे, 7 दिन बिना रुके खुद चल सकता है — और वो भी पूरी तरह से ऑटोनॉमस यानी स्वचालित तरीके से
मीडिया में काम करते हुए मैंने नहीं सोचा था कि कभी मेरी बिज़नेस ट्रिप मुझे शांगहाई ले जाएगी! वो भी शांगहाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल को कवर करने के लिए। भारतीय फिल्मों की खबरें देखते, पढ़ते अक्सर कान्स, टोरंटो या बर्लिन का ज़िक्र सुना था, लेकिन शांगहाई? मेरे लिए यह सिर्फ चीन का एक बड़ा शहर था, तब तक जब तक मैंने इसे अपनी आंखों से नहीं देखा।
अमेरिका ने BRICS देशों को दी टैरिफ लगाने की धमकी — आखिर इसके पीछे वजह क्या है? और इसका असर क्या हो सकता है भारत समेत पूरी दुनिया पर?